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बुधवार, 29 मार्च 2017

केवल कृष्ण

जिसके मात्र स्मरण से ही हर संताप बिसर जाता है 
वह तो केवल एक कृष्ण हैं !

जिसकी स्वप्न झलक पाते ही 
हर आकर्षण बिखर जाता है 
जो सबके दुःख का साथी है 
सबका पालक, जनक, संहर्ता 
वह तो केवल एक कृष्ण हैं !

साक्षी सबके पाप पुण्य का,
न्यायमूर्ति सृष्टि का भरता,
वह अवतार प्रेम का मधु का,
अनघ, शोक मोह का हरता 
वह तो केवल एक कृष्ण हैं !

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