ध्यान से समझें तो समय का संधि विच्छेद है सा धन मय अर्थात नशे का साथ .. सब किसी न किसी नशे के साथ क्रियाशील रहते हैं नशा उतारते ही जीवन में शून्य आ जाता है ..
निर्माण उत्थान पतन वही होता है जहां समय होता है समय के तीन रूप हैं, निरंतर परिवर्तनशील समय से जुडना ही जीवन लोक समय से बिछड जाना मृत्यु लोक इससे ज्यादा मैं समय के बारे में नहीं जानता आप जैसे महान कवि ही रहस्य खोल सकते हैं मेरी स्थिती ऐसी है जैसे उंट पहाड के निचे
Samay hi sikhata hai samay ki kimmat
जवाब देंहटाएंध्यान से समझें तो समय का संधि विच्छेद है सा धन मय अर्थात नशे का साथ .. सब किसी न किसी नशे के साथ क्रियाशील रहते हैं नशा उतारते ही जीवन में शून्य आ जाता है ..
हटाएंनिर्माण उत्थान पतन वही होता है
जवाब देंहटाएंजहां समय होता है
समय के तीन रूप हैं,
निरंतर परिवर्तनशील समय से जुडना ही
जीवन लोक
समय से बिछड जाना मृत्यु लोक
इससे ज्यादा मैं समय के बारे में नहीं जानता
आप जैसे महान कवि ही रहस्य खोल सकते हैं
मेरी स्थिती ऐसी है जैसे उंट पहाड के निचे