सच
कौन कहता है सच सुना उसने ?
कौन बोला है सच ज़माने से ?
एक चुप्पी है राज़ रहती है
बात बन जाती है ज़माने में .
२५-२-०९
ज़मीन पर न सही
आसमान में कहीं
होगा कोई
सुने जो दिल की कही
आसमान में कहीं
होगा कोई
सुने जो दिल की कही
२५-२-०९
ज्यूँ कीचड में ही पावन
पंकज है खिलता
बीज बोध का दुःख में,
बीज बोध का दुःख में,
सुख में केवल पलता .
२५-२-०९
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