फ़ॉलोअर

शनिवार, 2 मार्च 2013

समय  से यूँ हूँ परे आनंदमय आभास हूँ
मैं उमडते बादलों सा, सिन्धु का उल्लास हूँ
कल्पना हूँ ,कामना हूँ, या किसी की प्यास हूँ
चन्द्रमा  की चांदनी या फूल की वातास हूँ 
शाश्वती सौरभ भरी बासंती मधुमास हूँ
इन्द्रधनुषी रंगों सी रागिनीमय श्वास हूँ
भावना से सिक्त उर की एक बस उच्छ्वास हूँ!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें