देह मंदिर शिव हरि गुरू वासी इसमेँ काबा इसमेँ काशी
हरि की दासी , हरि की प्यासीशिव की अभिलाषी काशी के वासी
घट घट वासी ही काबा काशी ।जीव अंश,प्रभु अविनाशी ।।��
देह मंदिर शिव हरि गुरू वासी इसमेँ काबा इसमेँ काशी
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घट घट वासी ही काबा काशी ।
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