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गुरुवार, 25 जुलाई 2013

वेदना

जन्म का उपहार केवल वेदना है
जन्म है अभिशाप जीवन तो रुदन है
मोह का प्रतिकार मात्र प्रवंचना है
सत्य का परिणाम तो संघर्ष ही है
तुम करो विशवास ,धोखा ही मिलेगा
शान्ति से सह लो तो भी अपमान होगा
है बहुत मुश्किल डगर इंसानियत की
आगे बढ़ना पर तुम्हारा काम है
हैं बहुत कांटे यहाँ बिखरे हुए पर
याद रखना -ठोस एक आधार है
तुम मिटा सकते हो कांटे रास्ते से ,
तुम पहुँच सकते हो अपनी मंजिलों तक
तुम उलझ जाना नहीं इन गुलशनों में
है बहुत गीला धरातल गुलशनों का
खोज कर भी मार्ग तुम न पा सकोगे
तुम बहक जाओगे अपनी मंजिलों से ,
खुशबुओं में राम गए यदि आज ,
कल पतझर मिलेगा .इसा से बेहतर है कि
तुम ही आगे बढ़ लो रास्ता अपना बनाओ
आप ही तुम ,आज है संघर्ष पर सुखान्त होगा
आज हो पथ पर कल मंजिल मिलेगी
रात कट जायेगी नव ज्योति खिलेगी ..
1983Photo
 

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