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मंगलवार, 16 जुलाई 2013

दुर्भाग्य



भोला सा पंछी जो 
गंदे पानी में गिर जाए 
बहार आ उड़ने को मन ललचाये 
व्याकुल पंछी आशा के तिनके 
को लेकर,बाहर आये .
मैली कीचड़, कोमल पंखों पर  
लग जाए ..
भोला पंछी- देखे कीचड़ 
अश्रु बहाए......
गीले पंख सुखाने जैसे धूप में जाए 
सूरज की  गर्मी से उसके पर जल जाएँ  
भटकी आँखें ..मन घबराए ..
सुनी दृष्टि जलते सूरज पर थम जाये 
पथराई सी घबराई सी .. 
World of creativity's photo.

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