पेड़ खड़ा था -
हवा का तेज़ झोंका आया
कुछ पत्ते काँपे,चरमराये ,गिर गए
सूखे थे ,पीले थे निरर्थक थे
डाल पर ,बुरा हुआ !
दूसरा पेड़ था -
हरा भरा पुख्ता ,भीतर
जड़ों में दीमक लगी ,
किसी ने डाल भर छू दी
पेड़ गिर पड़ा !
बुरा नहीं, भला हुआ !
खेद नहीं, आश्चर्य हुआ
चलो सब एक साथ डूबे .
कल पहले पेड़ में नए पत्ते उगे
सूखे पत्ते नहीं दिखे कहीं
कितना विचित्र हुआ
लेकिन कौन सा बुरा हुआ ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें