फ़ॉलोअर

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

दीमक



पेड़ खड़ा था -
हवा का तेज़ झोंका आया 
कुछ पत्ते काँपे,चरमराये ,गिर गए 
सूखे थे ,पीले थे निरर्थक थे 
डाल  पर ,बुरा हुआ !
दूसरा पेड़ था -
हरा भरा पुख्ता ,भीतर 
जड़ों में दीमक लगी ,
किसी ने डाल भर छू दी 
पेड़ गिर पड़ा !
बुरा नहीं, भला हुआ !
खेद नहीं, आश्चर्य हुआ 
चलो सब एक साथ  डूबे .
कल पहले पेड़ में नए पत्ते उगे 
सूखे पत्ते नहीं दिखे कहीं 
कितना विचित्र हुआ 
लेकिन कौन सा बुरा हुआ ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें