समय से यूं हूँ परे
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गुरुवार, 25 जुलाई 2013
नियति
एक शौक रहा है मेरा -
साँपों को दूध पिलाने का ,
साँपों को मैंने पाला है ,
साँपों को दूध पिलाया है ,
बदले में एक नहीं, कई बार
बस सर्प दंश ही पाया है .
फिर भी ,सर्प विष पी लेती हूँ
और दूध पिलाती रहती हूं .
1983
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