समय से यूं हूँ परे
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सोमवार, 15 जुलाई 2013
पलकें
पलकों को तेरी झुक जाना बस पल भर को
श्वांसो को मेरी थम जानो था पल भर को
पलकें उठ कर फिर दृष्टि मिलना पल भर को
श्वांसो को मेरी रुक जाना जीवन भर को
जीवन का जैसे बढ़ जाना अमृत पथ को ..
1978
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